क्या लिखूं क्या बताऊं तुम्हे, हालात बुरे है, देश विचलित साथ मांगे, पर हम बड़े हैं, धर्म संकट प्रथम दस्तक, विघ्न बाधा या हो मस्तक, कट रहे है, धर्म वही जो सबकी चाहे खैरियत, तुम्हारी गलती की सज़ा, देख आज कितने सह रहे...।। #श्रीकांत शर्मा @दिल्ली