#chandrayaan3 दुनिया की क्या परिभाषा है?
दुनिया यदपि अरबी शब्द है परन्तु हिन्दी में धड्ल्ले से प्रयोग होता है। यह एक संज्ञा शब्द है तथा स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होता है। इसके समानार्थक शब्द हैं जगत ; संसार ; आलम, जीव समष्टि, पृथ्वी तथा ब्रह्माण्ड आदि के लिये प्रयुक्त होता है। वस्तुत: दुनिया: इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों; जिनमें मनुष्य भी शामिल है को मिलाकर इस ग्रह की कुल प्राकृति दुनिया कहलाती है। दुनिया शब्द संसार का पर्यायवाची है। दुनिया का अर्थ संसार से ही है तथापि दोनों में भिन्नता है। संसरति इति संसार: 'संसरति इति संसारः'—अर्थात जो लगातार गतिशील है, वही संसार है। भारतीय चिंतनधारा में जीव, जगत और ब्रहम पर पर्याप्त विचार किया गया है। संसार का सामान्य अर्थ विश्व, इहलोक, जीवन का जंजाल, गृहस्थी, घर-संसार, दृश्य जगत आदि है। वस्तुत: संसार के अर्थ में कर्म व पुनर्जन्म की अवधारणा है। किन्तु दुनिया शब्द मे ऐसा नहीं है क्योंकि वे लोग अरबी लोग कर्म व पुनर्जन्म मेम विश्वस नहीं करते हैं। यहूदी और उनसे निकले धर्म पुनर्जन्म की धारणा को नहीं मानते। मरने के बाद सभी कयामत के दिन जगाए जाएंगे अर्थात तब उनके अच्छे और बुरे कर्मों पर न्याय होगा।
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