माँ से सीखा है मैंने जीने का सलीक़ा माँ ने सिखाया है मुझे चीज़ों पर समझोता करना माँ ने ही दी है मुझे संस्कार की शिक्षा माँ ने सिखाया है मुझे सबसे प्यार करना माँ से सीखा है मैंने त्याग करना माँ से ही सीखा है मैंने नेक व्यवहार करना माँ तुम ही हो मेरे जीने की वजह माँ तुम ही हो मेरा सदा ही आसरा मैं तुमसे बिछड़ कर शायद जी न सकूँगी यह ज़हर का प्याला मैं पी न सकूँगी तुम्हारा प्यार तुम्हारी ममता में बीता है मेरा बचपन अब बड़े होने पर भी मैं उससे वंचित न रहूंगी तुम रहना सदा ही मेरी ढाल बन कर तुम बिन कोई भार मैं सह न सकूँगी जब भी चलती हूँ मैं काटों पर माँ मुझे याद आता है तुम्हारा वो हाथ जो तुमने बिछाया था राहों में मेरी और लिया था मेरा सब दुख बांट #merely_my_feelings_not_a_poem #everyday_is_mothers_day #YQdidi #YQbaba