रे मन, चल ना.... अन्तर्मन चलते हैं, सुन मन, अधीर मत हो, पीर का रख मान, पीड़ा की किरण में , रौशनी को पहचान, रौशनी की ये किरण, अंधेरे की चादर को, चीर कर जब आएगी, देखना हर तरफ़ उजाला दे जाएगी, मन अधीर मत हो, ये किरण अंतर्मन रहती है... #yqअंधेरा #yqरोशनी #yqअन्तर्मन #yqपीड़ा #yqकुलभूषण