किसान दिवस कभी फुरसत मिले तो एक विचार करना वो विचार किसी किसान के नाम करना अपने नजरिये से किसानो का सम्मान करना नही चाह सम्मान का तो ना अपमान करना जो मिले किसान तो कुछ बात करना जिंदगी तो गुजर जयेगी युं ही पर एक सफर किसी गाव के नाम करना घुमना तेरा मकसद होगा पर सर्द खेतो मे किसान को देखकर कुछ तो विचार करना जो मिले किसान कुछ बात करना हालत उनका हमे नही दिख रहा जिंदगी पर उनके कुछ बात करना हो लफ्ज नही जवाब मे तो चुप ही रहना और फिर से विचार करना देखकर उनको खेतो मे तुम ना पिघले तो खुद को ना इंसांन कहना जो मिले किसान तो कुछ बात करना ये शोहरत उनकी भी चाहत है खाने को देख उनको सलाम करना जो वो ना होते हम हम ना होते अनजान सी इस दुनिया मे ना राम होते ना ही खुदा होते कभी सर झुका कर उनको प्रणाम करना जो मिले किसान तो कुछ बात करना ✍️सुधांशु सिंह 23/12/2019 #किसान #कविता #farmer #poem #trending