उसे लगा _मैं मिलने सज धज कर आऊँगी शायद ऐसा ही अक्सर होता रहा है. मेरा पहुंचना मेरे लहजे से रहा, होता भी क्यू नहीं, उसने कभी सिखाया ही नहीं उस पहाड़े की गोटियाँ. बशर्ते बात अलग है कि, उसने किसी नायाब के लिए रास्ते अलग कर लिया हो. ©Rumaisa #Sawera #jindagi#Lekhni #prem