सत्ता परिवर्तन क्षणिक सुख या दुःख के अहसास ही जगा सकता है जनता में क्योंकि अंतिम परिणति एक ही होनी है। अपने लहजे में कहूँ तो .... इन सबके लिए, सत्ता ही साध्य है। वोट किसे भी दे, जनता तो बाध्य है। सबकी हालत, एक सी ही है। यही औसत है, और यही माध्य है। किसी का मसीहा, राहुल गांधी है। तो किसी का जी मोदी आराध्य है। हमारा क्या.., हम फेसबुकिये हैं। आलोचना ही पानी, और यही खाद्य है। ......///...//..//...शिवम मिश्र "मुसाफ़िर" #NojotoQuote #चुनाव_दिसंबर_2018 , #राहुलबाबा #मोदीफ्लाप