दिल की मनमर्जियां आजकल हावी रहती हैं, जा सनम के पास मुझसे हर पल कहती हैं, चूम ले उन सुर्ख से लबों को अपने अधरों से, ऐसी कई इच्छाएं आजकल मन में पलती हैं। वो सामने हों तो उनको ही देखती है नजर, अमूर्त हो जाए ये सारी दुनिया ये सोचती हैं। ©Lata Sharma सखी #Manmarziyaan