ये सब देश के लाल हैं भले ही, और रंग के बवाल हैं लाल के परंतु और ही उछाल हैं देश भक्त भारतीयों पर कहाँ सवाल हैं। वो तो, युग-युग जी रहे हैं अपने जनों के, अधि रहे हैं लोग उनसे जुड़ने को निहाल हैं संविधान के अंतर्गत कई सफल मिशाल हैं। उनका लगन सुसमय स्पष्ट होता है उदारता में उन्माद, स्थान विहीन हो खोता है तभी जनप्रिय सफल हैं व्यापर है ये, मात्र प्रतिफल हैं। जीते नहीं ये, जीवन देखते हैं कार्य बाधा में सहयोग बनते हैं इनके उपलब्द्धि के 'यत्न' मिशाल हैं देश चलने के संभावनाएँ विशाल हैं। आज प्रधानमंत्री के सोमनाथ मंदिर के अध्यक्ष बनने के प्रेरणा में रचित यह कविता, #कृपया पढियेगा जरूर (* सोमनाथ मंदिर के अध्यक्ष बनने से क्या होगा, भगवान बन कर दिखाइए।हा हा! ) #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #life #philosophy