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कभी कभी ऐसा लगता है एक बार घर जाऊं तो वापस उस परे

कभी कभी ऐसा लगता है 
एक बार घर जाऊं तो वापस उस परेशान जिंदगी में ना जाऊं।
फिर सोचता हूं जिम्मेदारी इतनी है को घर में रह के भी क्या करूं ।।
वैसे स्कूल के बाद लड़के की जिम्मेदारी मरते दम तक खत्म न होती!
जिंदगी तो ऐसी है घर , जॉब, घर ।।
कुछ पल की खुशी बोलो तो :
 दो चार पल मां पापा के साथ बातें हो जाए बहुत है।।
यही दो चार पल की बातें दो से चार महीने तक चल जाती हैं।।
हाय रे! जिंदगी सुकून k कुछ पल तो बिताने दे घर में।।

©Gulab Malakar #seashore 
#ghar #zimmedari
कभी कभी ऐसा लगता है 
एक बार घर जाऊं तो वापस उस परेशान जिंदगी में ना जाऊं।
फिर सोचता हूं जिम्मेदारी इतनी है को घर में रह के भी क्या करूं ।।
वैसे स्कूल के बाद लड़के की जिम्मेदारी मरते दम तक खत्म न होती!
जिंदगी तो ऐसी है घर , जॉब, घर ।।
कुछ पल की खुशी बोलो तो :
 दो चार पल मां पापा के साथ बातें हो जाए बहुत है।।
यही दो चार पल की बातें दो से चार महीने तक चल जाती हैं।।
हाय रे! जिंदगी सुकून k कुछ पल तो बिताने दे घर में।।

©Gulab Malakar #seashore 
#ghar #zimmedari