ये जिंदगी मेरी अपनी है. अपने हिसाब से जी लिया तो क्या गुनाह किया ?? यूं तो मुफ़लिसी में गुजरी थी सारी जिंदगी, इन आँखों में थोड़े ख्वाब पिरो लिया तो क्या गुनाह किया ?? . ©Hamid Ali तो क्या गुनाह किया?