शादी करोगे या पहले कुंडली मिलवाओगे , सच-सच बताओ तुम क्या-क्या दिखाओगे । वचन निभाओगे या वादे निभाओगे , सीधे-सीधे बताओ किस-किस को बुलाओगे। दहेज का रोना या चाहिए चांदी-सोना , अपने सारे पैंतरे बाद में आजमाओगे । सच में अपना मानते हो या सिर्फ बेवकूफ बनाओगे , बातों के मक्खन से तो नही काम चलाओगे । माॅ-बाप को समझोगे या हमको चाहोगे , झगड़ा होने पर किसके साथ जाओगे । हमराज बनोगे हमारे या चुगलीबाज बनोगे , रिश्तेदारो मे हमारी बेईज्जती करवाओगे । मेरे साथ रहोगे या अपनी मां का गुणगान गाओगे, कौन-कौन से कामो में उनके ताने सुनाओगे । हाथ में रकम दोगे या वेतन मुझसे छुपाओगे , कौन-कौन सी सम्पत्ति मुझे नही दिखाओगे । मालूम मुझे भी है सवाल के जवाब में तुम उलझाओगे , पर देखना है मुझे तुम कितना सच बताओगे । - प्रभु किशोर शर्मा (शर्मा जी) #कुछसवाल