कितने अल्फाज है तेरे लिए सोचता हूं क्या मैं बोल दूं फिर दिल में एक खयाल आया सोचा आज नही कल बोल दूं है हर एक लफ्ज़ बस तेरे ही लिए फिर क्यों न आज ही बोल दूं । ©Sunil Singh Patel kitne lafz hai tere liye. #poetry #Hindi #hindilines #alone Dr. Sakshi