में लफ्ज़ बहुत ही कम लिखता हूं जिंदगी के सारे गम लिखता हूं मेरी शायरी पढ़ने वाले भी तड़फ उठे "आदित्य" में हंसकर ऐसे जख्म लिखता हूं तुम्हारी बददुआ क्या मुझे मारेगी में तोड़ी हुई हजार कसम लिखता हूं परवाह नही मुझे खुद के आंसुओ की जो भी लिखता हु बेरहम लिखता हूं ©कवि आदित्य बजरंगी sad shayari मुहब्बत तुमसे नफरत है