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परी हो तुम या हो जन्नत का कोई नूर, इस हुस्न के आगे

परी हो तुम या हो जन्नत का कोई नूर,
इस हुस्न के आगे, लगे चाँद भी बेनूर।
कयामत ढा कर, कर दिया मेरा दिल चूर,
बता मेरी ख़ता, पूछता है तुझसे 'बेकसूर'।
चढ़ा है मुझ पर तेरा इस कदर फ़ितूर,
ज़िन्दगी भर खत्म न हो ये सुरूर। परी हो या तुम हो जन्नत का कोई नूर,
इस हुस्न के आगे, लगे चाँद भी बेनूर।
कयामत ढा कर, कर दिया मेरा दिल चूर,
बता मेरी ख़ता, पूछता है तुझसे 'बेकसूर'।
चढ़ा है मुझ पर तेरा इस कदर फ़ितूर,
ज़िन्दगी भर खत्म न हो ये सुरूर।
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परी हो तुम या हो जन्नत का कोई नूर,
इस हुस्न के आगे, लगे चाँद भी बेनूर।
कयामत ढा कर, कर दिया मेरा दिल चूर,
बता मेरी ख़ता, पूछता है तुझसे 'बेकसूर'।
चढ़ा है मुझ पर तेरा इस कदर फ़ितूर,
ज़िन्दगी भर खत्म न हो ये सुरूर। परी हो या तुम हो जन्नत का कोई नूर,
इस हुस्न के आगे, लगे चाँद भी बेनूर।
कयामत ढा कर, कर दिया मेरा दिल चूर,
बता मेरी ख़ता, पूछता है तुझसे 'बेकसूर'।
चढ़ा है मुझ पर तेरा इस कदर फ़ितूर,
ज़िन्दगी भर खत्म न हो ये सुरूर।
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