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मैं उसे बरसों से जानता था– एक अधेड़ किसान थोड़ा थक

मैं उसे बरसों से जानता था–
एक अधेड़ किसान
थोड़ा थका
थोड़ा झुका हुआ
किसी बोझ से नहीं
सिर्फ़ धरती के उस सहज गुरुत्वाकर्षण से
जिसे वह इतना प्यार करता था
वह मानता था–
दुनिया में कुत्ते बिल्लियाँ सूअर
सबकी जगह है
इसलिए नफ़रत नहीं करता था वह
कीचड़ काई या मल से!
 #किसान_का_सम्मान_करो
मैं उसे बरसों से जानता था–
एक अधेड़ किसान
थोड़ा थका
थोड़ा झुका हुआ
किसी बोझ से नहीं
सिर्फ़ धरती के उस सहज गुरुत्वाकर्षण से
जिसे वह इतना प्यार करता था
वह मानता था–
दुनिया में कुत्ते बिल्लियाँ सूअर
सबकी जगह है
इसलिए नफ़रत नहीं करता था वह
कीचड़ काई या मल से!
 #किसान_का_सम्मान_करो