तेरी खामोशी का सबब पूछता है यह दिल जब मिल ही गए हो तो उदासी किस बात की फिर चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ।। साहिर लुधियानवी आपको लिखना है दूसरी लाइन का अर्थ आपने क्या समझा... अरे यार प्रतियगिता ही समझ लो.. लड्डू चिक्लोट्स नहीं बस certificates मिलेंगे 😍😍 लिखोगे ना