लगा ऐसे जैसे रिस रहा है.. कहीं दिल दिमाग पर हावी, तो कहीं दिमाग दिल पर.... दिल में शरारत कहीं बचपने की , या उलझन है , कुछ खत्म होने की. आगाज़ है नयी राहों का , या स्वीकार है , उधड़ी तुरपाई का गर मैं अपने को , निकाल लूं तुमसे तो मेरी छाप रह जायेगी क्या.? #छाप #योरकोटऔरमैं #योरकोटजिंदगी #यूँ_ही #मूड़स्विंग #तूलिका