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कितनी सुखी होती धरा, यदि सभी लोग परिवार, समाज,दे

कितनी सुखी होती धरा,
 यदि सभी लोग 
परिवार, समाज,देश, एवं
एक- दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते।
कितनी बेबस संतानें, माता पिता
लाचार न होते,  
पापियों के आरोपों से अत्याचार न होते।
कारागार न होते।

©Deepa Didi Prajapati 
  #कर्तव्य