मौसम की तरह तुम किसको पता हे मेरा टुटा हुआ आशिया ,अरे किसको पता ह मेरा टुटा हुआ आसिया ,ये ज़िन्दगी हे जनाब यह किसी को अपने रिस्तों का पता नही ये आपका आसिया कहा से बताएँगे। आसिया न मिला