Rajesh Gupta नादां है वो अपनी ही तक़दीर से उलझता है। दो गज चढ़ के वो सीढ़ी फिर तीन गज फिसलता है। जीत पक्की कोशिशों को जो मिले सहारा इल्म का, साथ इल्मदारों का मगर किस्मत से ही मिलता है। #नादां #तकदीर #फिसलन #फतह #इल्म #साथ #किस्मत #nojoto #friends #writers