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रुकी घड़ी भी दो बार वक़्त सही बताती है, तुम सोचते हो

रुकी घड़ी भी दो बार वक़्त सही बताती है, तुम सोचते हो क्या ?
क़लम और कागज़ का मुक़द्दस रिश्ता है, तुम सोचते हो क्या ?
अपने विचारों को रोको नहीं वक़्त से पहले ही लिख डालो 'सफ़र'..
ग़ालिब भी गर न लिखता तो ग़ालिब न होता, तुमने सोचा है क्या ? मुक़द्दस- पवित्र

#Contest_21  (Hindi/उर्दू)

   💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं,
‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
रुकी घड़ी भी दो बार वक़्त सही बताती है, तुम सोचते हो क्या ?
क़लम और कागज़ का मुक़द्दस रिश्ता है, तुम सोचते हो क्या ?
अपने विचारों को रोको नहीं वक़्त से पहले ही लिख डालो 'सफ़र'..
ग़ालिब भी गर न लिखता तो ग़ालिब न होता, तुमने सोचा है क्या ? मुक़द्दस- पवित्र

#Contest_21  (Hindi/उर्दू)

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‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

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