मेज़ के मेरेे, खत से उसके खाली दराज़् लगते है, जाने क्या बात होगयी है, जो खत नहीं लिखते , महबूब हमारे कुछ रोज़् से नाराज़् लगते है -कामना बैरागी ©kamna bairagi #खत् ....kab aayega unka khat.....