आज कल दुनिया में भला मुस्कराता कौन है, ज़िंदगी की इस दौड़ में हंसता हंसाता कौन है! तारों को ताकते गुज़र जाती हो रात जिनकी, उनको क्या पता कि ख्वाबों में आता कौन है! सबके दिल में होती है मुस्कराने की चाहत, पर उनके होठों से हंसी आखिर चुराता कौन है! इस पेट कि खातिर भागती दौड़ती है दुनिया, अब हंसने के लिये भला वक़्त बचाता कौन है! ©SHAYARI BOOKS आज कल दुनिया में भला मुस्कराता कौन है, ज़िंदगी की इस दौड़ में हंसता हंसाता कौन है! तारों को ताकते गुज़र जाती हो रात जिनकी, उनको क्या पता कि ख्वाबों में आता कौन है! सबके दिल में होती है मुस्कराने की चाहत, पर उनके होठों से हंसी आखिर चुराता कौन है! इस पेट कि खातिर भागती दौड़ती है दुनिया, अब हंसने के लिये भला वक़्त बचाता कौन है!