शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का" धोखे से शर्ट के उसके,टूटते ही बटन, आग के शोलों ने गज़ब ढा दिया। फटी की फटी रह गई आंखें मेरी, ऐ हुस्न तूने कौन सा जलवा दिखा दिया। शायद मेरी तक़दीर में लिखा था, ऐसे ही किसी जन्नत ए हूर के दीदार नज़ारा। शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का, बिना कहे ही उपहार में तोहफ़ा ये दिया। ©Anuj Ray # शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी