सफ़र ज़िंदगी का (अनुशीर्षक में पढ़ें) सफ़र ज़िंदगी का बोला सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे अच्छाइयों ने मुझे गुनाहगार कर दिया झूठ था बेहद मीठा तो कुबूल किया उसे मेरी खामियों को भी नज़रअंदाज़ कर दिया