विद्वता भी अजीब चीज है चाहे वह भाषा पर अधिकार ही क्यों ना हो पिछले 2 दिनों संसद का सत्र चल रहा है एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही अंग्रेजी भाषा पर पकड़े रहने वाले जवाहरलाल नेहरू सरकार ने लच्छेदार अंग्रेजी पर अपनी बात रखी उनके बाद आए शत्रु त्रिवेदी ने इतनी अच्छी हिंदी में अपनी बात रखी कि सुनने वाले मुद्दे से ज्यादा भाषा से प्रभावित नजर आए फिर जब जया बच्चन का नंबर आया तो उन्होंने दो पूर्व विमान वक्ताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि अंग्रेजी और दूसरों की जबरदस्त हिंदी सुनने के बाद तो मुझे समझ में ही नहीं आ रहा कि मैं क्या बोलूं सच में भी वह ज्यादा बोल नहीं पाए तभी किसी ने कहा कि दोनों विद्वानों के बीच हो गई गुम ©Ek villain #अब मैं क्या बोलूं जया बच्चन #Love