जाने कितनों की जीने की वजह है इश्क़ ना जाने कितनों के लिये इक सजा है इश्क़ जिसे मिल गया उसके लिये जन्नत है इश्क़ जिसे ना मिला उसके लिये बेवजह है इश्क़ -----Harish Rwt