एक सफर था जो वो पूरा हुआ आज। आज-से बदले से होंगे सबके अंदाज।। बेशक हम बिछड़ जाएंगे कल, पर याद आएंगे ये पल।। वो यारो की टोली, वो आपस में अजीब सी बोली। वो रात भर लंबी बाते, वो प्यार में घुस्से और लाते।। वो कैंटीन में पैसे मिलाकर खाना, वो क्लास में लेट जाना। वो टेस्ट में गूगल का सहारा, वो नकल कराने वाला यार प्यारा।। वो शाम में अम्मा की चाय, वो मुसीबत में दोस्तो की बेहूदी राय।। तुम चाह कर भी नही भूल पाओगे कॉलेज की वो चार-दिवारी। जहां पाई तुमने जान से ज्यादा कीमती यारी।। कुछ दोस्त ऐसे जो रहे हमेशा साथ खड़े। कुछ कमीने ऐसे जो हमारे लिए सबसे लड़े।। देखो यू ना तुम भुला पाओगे इन गुजरे पलों को। नही खोल पाओगे ज़िन्दगी की मोटी रस्सी पर दोस्ती की बलो को।। अगर कभी याद आये इस आंगन की तुम्हे, तुम बेझिझक आ जाना हम साथ रहेंगे तुम्हारे भुला कर गुजरे कलो को।। निसार मलिक #farewell #seniors #college