सुनते हो साहेब, तुम्हारे लिए खुदको भूला था, तुम्हारे लिए घरवालों को छोड़ा था, तुम्हारे लिए अपना मज़हब तोड़ा था, तुम्हारे लिए सजदें में यह दिल रोया था, सुनते हो साहेब, तुमसे की थी मोहब्बत, तुमसे निभाई थी हर कसम, तुमसे थी शुरू मेरी हर रस्म, तुमसे था मेरा दिन और रात, सुनते हो साहेब, तुमसे थी मैं मुक़म्मल, तुमसे था मेरा सब कुछ, तुमसे थी हर एक सांस मेरी, तुमसे था मेरा वजूद, सुनते हो साहेब, तुमको बनाया था अपना खुदा, तुमको माँगा था फ़ज्र की नमाज़ों में, तुमको पिरोया था दिल के धागों में, तुमको रखा था महफूज़ दिल में, लेकिन तुम निकले बेवफ़ा, लेकिन तुम निकले क़ातिल मेरे इश्क़ के, लेकिन तुम ना कर पाये मोहब्बत हमसे, लेकिन तुम ना थे मेरे, लेकिन तुम ना थे मेरे, और मैं थी सिर्फ तुम्हारी। #yqdidi Thank you so much Saket ji for correcting the hindi spelling mistakes! 😊😄