लौट आओ न कहीं से वो पुरानी बयार बनकर, कि लौट आओ न यादों के वो फ़ुहार बनकर; बिन तेरे बदल गई है सुरत ज़िन्दगी की... कि लौट आओ न मेरे सुरत की श्रृंगार बनकर। #यादें #शायरी