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अब उतना याद नहीं आती तुम्हारी, शायद धुँधली हो गई ह

अब उतना याद नहीं आती तुम्हारी,
शायद धुँधली हो गई है वो पुरानी बातें वो यादें तुम्हारी,
नया रिश्ता जोड़ने पर क्या वो  कामी पूरी होगी तुम्हारी,
क्या कोई है ऐसा जो बारिश में मेरे आंसुओं को पहचान पाए तुम्हारी तरह?

©kahani shukla
  #ekadhurasapuraishq