दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर ड़ोर उलझी ही सही उसको मगर तोड़ कर तेरी नब्जों में भी तो कोई हरारत रही होगी हाथ तेरे भी तो थोड़े लड़खड़ाए होंगे उठा तो होगा एक समंदर तेरे सीने में भी किवाड़ तेरे दिल के भी तो भड़ -भड़ाए होंगे कोई टीस तो उठी होगी ये राह मोड़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर पूछे तो होंगे रूह ने तेरी तुझ से कुछ सवाल महससू हुआ होगा तुझको कुछ तो कोई मलाल अटकी तो होगी साँस तेरी, कुछ तो छूटता होगा पैरों का हौसला भी तो कुछ तो टूटता होगा क्या बदल सकेगी तू ख़ुद को नए ज़िल्द को ओढ़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर कुरेद कर यादों ने कोई बात कही होगी दिन निकल गया मगर एक रात रही होगी हथेलियों पर तेरे थोड़ी तो नमी होगी कहीं किसी कोने में मेरी तो कमी होगी उफ़क़ कहाँ मिलता है बोलो पुल से पुल को जोड़ कर दर्द तुझको भी हुआ होगा मुझ को छोड़ कर ~ दर्द @ अब खमोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #mikyupikyu #ab_khamoshi_ko_kehne_do #mkpikb #meethashona #Lovelost #Poet #poem #Paimane