जिस्म के तलबगार हैं यहां सभी, कोई रूह का मुरीद मिले तो सही। मुन्तजिर ही रहें ताउम्र तो भी कोई ग़म नहीं, तलाश एक बार पाक साफ हो तो सही। #पाक