#series#love_story#may_or_may_not_fiction पार्ट 1
रोज़ की तरह जब वो स्कूल ड्रेस में अपने घर से ठीक 6:40 पर निकल कर साईकल पोछ रही थी तभी उसकी नज़र एक घर से आधे निकले सिर की ओर पड़ी जो शायद कुछ देखने और खुद न दिखने के जद्दोजहद में बड़ी कोशिशों के बाद एक उपयुक्त स्थान पर टिका लिया।
ख़ैर! इन सभी बातों को अनदेखा करते हुए उसने दूर से आती अपनी दोस्त की साईकल की घन्टी सुनी और खुद भी सवार हो चल दी।
वो अधखुली सी नज़रें दूर जाते उन टायरों पर टिकी रह गईं और बस वो ओझल हो गयी।