चरणों की धूल चरणों का धूल मुझसे हुई क्या भूल जो माथे पर तुझे लगाऊं तो तू क्यों उड़ जाती फुर हे चरणों के धुले पार मै कर पाऊ सभी के आदर्शो का पुल सहज पांव रख के चलेने से उपजे हे धुल फिर क्यु हवा के झोंके मिटा देते हैं तुम्हें फुर चलो कोई बात नहीं मिट गये तेरे धुल बन उठ एक बार और जिससे मै लगा सकु अपने माथे पर उन महानो के चरणो के धुल अब तो बता दो हे चरणों के धुल कि हुआ क्या है छोटी या बड़ी मुझसे भूल #Pooja