🙏" प्लास्टिक प्रदूषण "🙏 देखों प्रखर प्रचंड आज,विनाश कैसा हो रहा अनेक रोगों का जीवन में,यह जन्म कैसा हो रहा... ।। १।। संकट में है सारा जीवन,धरती, जल और वायु के प्राणी; किस्सा नही है कोई नया,परेशानी है ये बहुत पुरानी.... ।।२।। हो रही यह धरा प्रदूषित,जीव जंतु भी अब तड़प रहे; अपने स्वार्थ में जाने मनुष्य,यह अनर्थ कैसा कर रहे ....।।३।। पड़े है प्लास्टिक सड़को पर,वातावरण दूषित हो रहा; मृत्यु हो रही पशु और पक्षियों की,मानव भी महा मारी से रो रहा ....।।४।। सांस लेना हुआ मुश्किल,वायु भी अब शुद्ध कहा; प्रकोप है प्रदूषण का चारो ओर;शुद्धता के लिए अब वृक्ष कहा .....।।५।। आओ करे हम इसका उपाय,स्वछ अभियान चलाना है; करना है अब प्रण हमको,प्लास्टिक जड़ से मिटाना है...... ।।६।। 😊📝writer :-Mohit karanjawala📒🙏 Environment day 5 june 2020 #poetrymohit