मां की रसोई.. सोचा मैंने मसालों के अंलकारों का छौंका लगा, सब्जियों को छंद से पका लूं... डालूं नमक का यमक, हल्दी को कोई उपमा दूं पनीर से पिरामिड, आलू,गाजर को संधि दूं.. आटे को गूंथ ,चांद का रूपक बना दूं.. डालूं खीर में इश्क का केसर, गर्माहट की शक्कर मिला दूं... न बिखरे द्वंद, उबाल कभी दूध में, बादाम से उसको सजा दूं.... सूजी की चौपाई,या बेसन का हो दोहा, मगज डाल ,प्यार से चूरमा बना दूं... मन के कोरे महाकाव्य को आजा ,आज कुछ कुणडलिंया मैं पहना दूं... #मांकीरसोई #मसालेदार #योरकोटहिंदी #तूलिका