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आग ही आग थी बरसात हुई फिर राख़ भी ना थी कुछ यही कहा

आग ही आग थी बरसात हुई फिर राख़ भी ना थी
कुछ यही कहानी मेरी पहली महोब्बत की थी,

एक अरसा हुआ है उससे बात किए
बस फरवरी के महिनें में उसकी याद आयी थी,

आसमाँ देखा मैंने एक रोज़ सितारें चमक रहे थे
शायद मेरे लिए उसकी दुआ आयी थी,

दिखाई कैसे देती रोशनी उसकी
आँखों के पीछे जो किनदिल जलाई थी,

लगता है जिंदगी से परेशान होकर ही
वो ख्वाब में मेरे पास आयी थी,

सब्ज़ करने का ही इरादा था उसका
क्योंकि उसके बदन में बस काई थी। #nojotohindi
#nojotoeglish
#shayar
#aag
#tehjeebhafi
आग ही आग थी बरसात हुई फिर राख़ भी ना थी
कुछ यही कहानी मेरी पहली महोब्बत की थी,

एक अरसा हुआ है उससे बात किए
बस फरवरी के महिनें में उसकी याद आयी थी,

आसमाँ देखा मैंने एक रोज़ सितारें चमक रहे थे
शायद मेरे लिए उसकी दुआ आयी थी,

दिखाई कैसे देती रोशनी उसकी
आँखों के पीछे जो किनदिल जलाई थी,

लगता है जिंदगी से परेशान होकर ही
वो ख्वाब में मेरे पास आयी थी,

सब्ज़ करने का ही इरादा था उसका
क्योंकि उसके बदन में बस काई थी। #nojotohindi
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