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आंख के जालों में देख लिया है उसे शायर ने ख्यालों म

आंख के जालों में देख लिया है उसे
शायर ने ख्यालों में देख लिया है उसे

एक महीने से नींद का पता नहीं है
मेने खुले बालों में देख लिया है उसे

मत ही पूछो मेरे पागलपन का सबब
मेने सुर्ख गालों में देख लिया है उसे

वो शक्स मेरे हाथ की लकीरो में नहीं 
सो पांव के छालों में देख लिया है उसे

©Perminder Singh
  #MainAurChaand