तुम पढ़ना लेकिन छिपकर मेरे अल्फ़ाज़ वह पहचान लेते हैं जाना उसकी सहेली से मेरे अल्फ़ाज़ सुनकर मैं आज भी मरीज़ हूँ वह जान लेते हैं हक़ ज़ाया हो जाएगा उसका मेरी साँसों पर उदास होकर वह आँखे मीच लेते हैं टूट नहीं जाऊँ मैं कहीं ये सब देखकर निराश मत करना पढ़ना लेकिन छिपकर मेरे अल्फ़ाज़ वह पहचान लेते हैं मैं आज भी मरीज़ हूँ ये जान लेते हैं -शानियाज़ पाशा #NojotoQuote