क्यों कि उसने एक मासूम बिधबा को मरने से बचाया था। वो निचली जाती का चमार। एक उच्च बर्ग ब्राह्मण परिवार की बिधबा कम उम्र में जिसका पति का इंतकाल हो गया था। और पति के मरने के बाद सास-ससुर के असहनीय ताने उसकी जिंदगी में जहर घोल रहे थे। उसके जेठ की नजर उसकी की जवानी पर थी। जेठ ने उसको सास-ससुर के तानों से बचाकर धीरे-धीरे अपने प्यार के जाल में फंसा कर अपने हवस का शिकार बना लिया। फिर जब उस मासूम के गर्भ में नया जीवन आया तो जेठ ने अपनी बदनामी के डर से उस पर चोरी का इल्जाम लगा कर धर से बाहर निकाल दिया। वो मासूम बिधबा कहॉं जाती। उसने आत्महत्या करने के लिए नदी में छलांग लगाई। उस समय चमार ने उसे देखकर उसे बचाने के लिए पानी में कुदकर उसे बचा कर किनारे पर ले आया। और उसके पेट से पानी निकालने के लिए और सांस चालू करने के लिए मुह पर मुह देकर सांस भर रहा था कि उस बिधबा का जेठ जो बिधबा का पिछा कर रहा था बह कुछ और आदमियों को साथ ले आया। निचली जाती का मर्द ब्राह्मण के बिधबा के साथ प्यार कर रहा है झूठा इल्जाम लगा कर उस निर्दोष को भगबान के नाम पर धर्म भ्रष्ट कर रहा है कहकर पिटने लगे। वो लोग उसे भगबान के नाम पर पिट रहे थे