अनगिन झंझावातों को सह कर लौ जलती है, जैसे जटिल ज़िन्दगी इस दुनिया में चलती है। अक्सर...आंधी..तूफां तो...आते और जाते हैं, जलती हुई एक दीप शिखा को सभी डराते हैं। तन है दीपक...मन है बाती..आत्मा जैसे तेल, ज्ञान उजाला फैले जग में प्राणों का यह खेल। लेकिन फिर भी ज्योति सदा ही उठती है ऊपर, इसी तरह...उर्ध्वगामी जन...छा जाते सब पर शुभ दिवाली happy diwali frd #दिवाली_की_हार्दिक_शुभकामनाएं अनगिन झंझावातों को सह कर लौ जलती है, जैसे जटिल ज़िन्दगी इस दुनिया में चलती है। अक्सर...आंधी..तूफां तो...आते और जाते हैं, जलती हुई एक दीप शिखा को सभी डराते हैं।