अजीब सिलसिला है तेरे मेरे दरमियां ,दोनों को तन्हाई अच्छी लगती है पास आने के कई मौकों को यूं ही गवां दिया, हमें तो जुदाई अच्छी लगती है ना पूछो इस ठंड में कि क्यूं नही मिलते हैं हम हमें तो जिस्म से बढ़कर रजाई अच्छी लगती है आज वादा और वफ़ा कि बात करते हो मगर कल का हस्र मालूम हैं हमे ये रहने दो वफादारी की बातें हमें बेवफाई अच्छी लगती है मैं सुनता रहा अपना खिलाफ़ मगर दलील ना दी ज़माने में अपनी हमें गैर की कमी नहीं अपनी जग हंसाई अच्छी लगती है न पूछ इस ठंड में कि क्यूं नही मिलते हैं हम हमें तो जिस्म से बढ़कर रजाई अच्छी लगती है #aksh #mineforever #yourquotedidi #yourquotebaba #मिशरा #खाली_दिमाग_की_उपज