हर स्थिति में, सहनशीलता और धीरज से, ज़िन्दगी का जो तू लुत्फ उठाएगा, खुद को मज़बूत रख, तजुरबे के साथ, जब तू आगे हर कदम बढ़ाऐगा, खुशियाँ निरभर ना होंगी जब तेरी किसी पर, तब ही तो तू, खुद से न्याय कर पाएगा, कोई उपहार में ना देगा सुकून तुझे, तू खुद को ही, सुकून के आगोश में ले आएगा। बुरी परिस्थितियाँ, बुरा वक्त, साज़िशें करेगा, तुझे सताएगा, तुझे आज़माएगा, यकीन रखना खुद पर, तू गिरेगा ज़रूर, पर तेरा होंसला तुझे फिर खड़ा कराएगा, हार ना मानने पर, हर बार मुस्कुराएगा और तेरी पीठ थपथपाएगा। चला चल ऐ मुसाफिर, अच्छे करमों का फल, तू एक दिन ज़रूर पाएगा, फल से ज़्यादा ज़रूरी, सकून से तू जिएगा और सुकून से तू मर पाएगा । अपने व्यक्तित्व को निखारेगा जो तू, ज़िन्दगी का साथ, बखूबी निभाएगा, आसान लगेगी ज़िन्दगी, सच में, ज़िन्दगी का नज़रिया बदल जाएगा । #चलाचल