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सूरज की किरन मचल गई थी शिमले से बर्फ पिघल गई थी

सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

सब कांधों पर झोले थे
हर राह जाता दिखने लगा
फिर लक्कड़ बाज़ारों मे
था मेशलोम बिकने लगा
हिना की भी खुशबू अब
तेरे हाथों से निकल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

फूलों की घाटी मे फूल
वजरदंती के फूट गए
लाल जून व टाईडमन भी
शाखों से थे टूट गए
खुश्क हवा भी अस्सू के
घर के नक्शे चल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

सिंधूर, गजरा, कंगन तेरे
चमके थे तेरी काया मे
याद करो वो अंतिम क्षण
वो देवदार की छाया मे
सुहागरात की रात भी यह
चुपके से ही ढल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी  @duttyuvraj
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

सब कांधों पर झोले थे
हर राह जाता दिखने लगा
फिर लक्कड़ बाज़ारों मे
था मेशलोम बिकने लगा
हिना की भी खुशबू अब
तेरे हाथों से निकल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

फूलों की घाटी मे फूल
वजरदंती के फूट गए
लाल जून व टाईडमन भी
शाखों से थे टूट गए
खुश्क हवा भी अस्सू के
घर के नक्शे चल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी 

सिंधूर, गजरा, कंगन तेरे
चमके थे तेरी काया मे
याद करो वो अंतिम क्षण
वो देवदार की छाया मे
सुहागरात की रात भी यह
चुपके से ही ढल गई थी
सूरज की किरन मचल गई थी
शिमले से बर्फ पिघल गई थी  @duttyuvraj