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अब भी उसी जुडी बातें को सोचके कभी या दोहरा के , खु

अब भी उसी जुडी बातें को सोचके कभी या दोहरा के ,
खुद में उमीदें फिर बाँध लिया करता हु l, 
 खो तो चुका ही हु उसे शायद ,
पर पता नहीं क्यों फिर भी खोने से डरता हु ll memories, a passage to lanes left far behind.
अब भी उसी जुडी बातें को सोचके कभी या दोहरा के ,
खुद में उमीदें फिर बाँध लिया करता हु l, 
 खो तो चुका ही हु उसे शायद ,
पर पता नहीं क्यों फिर भी खोने से डरता हु ll memories, a passage to lanes left far behind.