शीशे के निकले सारे लम्हें चाहत के टूट कर बिखरे अरमान चाहत के न जाने क्यों बदल गया हर मंज़र कुछ टूट गया अंदर बिन आहट के #priya_sethi_batra #ruhaani_alfaaz https://www.yourquote.in/priya-batra-e5lw/quotes/