तुम्हारी चाहतों के रास्ते पर मैं चली आयी । मैं करती भी भला क्या रास्ते तेरी गली आयी । ठिठकते से कदम हैं पर नही दिल पर रहा काबू, यूँ लगता खुद भ्रमर के पास में चलकर कली आयी । #गुंजित अहसास ©गुंजन अग्रवाल 'अनहद' #रास्ते #रास्ते_पर #Raste