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जब भी शीशे में निगाहें बालों में लगे हेयर बैंड पर

जब भी शीशे में निगाहें बालों में लगे हेयर बैंड पर पड जाती हैं
तो वही कुछ पुरानी बातें रह रहकर याद आतीं हैं

कभी सोचता हूं कि इक बहिन होती तो मेरे लंबे बालों को संवारती
कभी चोटी बनाती कभी संवरे बालों को बिगाड़ देती
रबड़ लगाकर कहती बस एक फोटो लेने दो
मम्मी पापा से छिपकर मुझसे पैसे मांगती
हां मैं आसानी से देता तो नहीं जब तक प्लीज भईया ना कहती

फिर उम्मीद जागी थी
बहिन न हुई तो प्रेमिका ही सही
बालों को स्पर्श तो मिलेगा
अक्सर कहती थी मैं सजाऊंगी बाल तुम्हारे
हां पर वो बस कहती ही थी...

लंबे बाल
माध्यम मात्र हैं केवल किसी की कमी महसूस करने के... बाल सिर्फ माध्यम मात्र हैं...

आह!
बहुत दिन हुए कुछ लिखे
मन कुछ शांत है या तूफान है
समझ नहीं आता
शायद मौसम का जादू है मितवा
खैर...
जब भी शीशे में निगाहें बालों में लगे हेयर बैंड पर पड जाती हैं
तो वही कुछ पुरानी बातें रह रहकर याद आतीं हैं

कभी सोचता हूं कि इक बहिन होती तो मेरे लंबे बालों को संवारती
कभी चोटी बनाती कभी संवरे बालों को बिगाड़ देती
रबड़ लगाकर कहती बस एक फोटो लेने दो
मम्मी पापा से छिपकर मुझसे पैसे मांगती
हां मैं आसानी से देता तो नहीं जब तक प्लीज भईया ना कहती

फिर उम्मीद जागी थी
बहिन न हुई तो प्रेमिका ही सही
बालों को स्पर्श तो मिलेगा
अक्सर कहती थी मैं सजाऊंगी बाल तुम्हारे
हां पर वो बस कहती ही थी...

लंबे बाल
माध्यम मात्र हैं केवल किसी की कमी महसूस करने के... बाल सिर्फ माध्यम मात्र हैं...

आह!
बहुत दिन हुए कुछ लिखे
मन कुछ शांत है या तूफान है
समझ नहीं आता
शायद मौसम का जादू है मितवा
खैर...